IAS परीक्षा के लिए आर्थिक सर्वेक्षण के प्रमुख बिंदु: सबसे ज़्यादा प्रतियोगी सिविल सेवा भर्ती पेपर, UPSC IAS सिविल सेवा परीक्षा अब कुछ ही महीने दूर है। इसे देश के सबसे चुनौतीपूर्ण पेपरों में से एक माना जाता है। प्रत्येक वर्ष सिविल सेवा परीक्षा के लिए लाखों की संख्या में उम्मीदवार आवेदन भरते हैं। इस वर्ष की IAS प्रारंभिक परीक्षा 2017 18 जून 2017 को आयोजित की जाएगी।
यूनियन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को संसद के बजट सत्र में आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 पेश किया। आज हम आपके लिए आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 की समीक्षा के प्रमुख बिंदु लाए हैं जो UPSC की तैयारी में आपके लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं। लेकिन सबसे पहले, हम आपको बताते हैं कि आर्थिक सर्वेक्षण क्या होता है।
क्या है आर्थिक सर्वेक्षण
भारत का आर्थिक सर्वेक्षण, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार का एक प्रमुख वार्षिक दस्तावेज है। ये भारत की आर्थिक स्थिति में पिछले 12 महीनों में हुए विकास को समीक्षात्मक प्रारूप में विश्लेषित करता है, प्रमुख विकास कार्यक्रमों के प्रदर्शन की रिपोर्ट प्रदान करता है और सरकार की नीतियों और योजनाओं पर विशेष ध्यान देता है।
ये सर्वेक्षण विभिन्न और व्यापक मुद्दों पर सरकार की नीतियों को सामने लाता है। ये विभिन्न स्कीमों में विकास / गतिहीनता को दर्ज करता है, दक्षिण एशियाई देशों, एशियाई देशों और वैश्विक आर्थिक स्थिति के संदर्भ में देश के विकास को अतीत की तुलना में मापने का काम करता है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 के प्रमुख बिंदु
इस सर्वेक्षण में चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 की आर्थिक स्थिति में विकास का दर 6.75 फ़ीसद से 7.25 फ़ीसद बताया गया है। इसके अनुसार GDP पर नोटबंदी का बुरा प्रभाव माध्यमिक था।
ओरिएंट आईएएस ऑल इंडिया आईएएस प्रीलिम्स टेस्ट सीरीज 2017
IAS परीक्षाओं की तैयारी हेतु अग्रणी संस्थान ओरिएंट आईएएस द्वारा ‘ऑल इंडिया आईएएस प्रीलिम्स टेस्ट सीरीज 2017’ को तैयार किया गया है। इस पुस्तक में 100 प्रश्नों वाले 16 टेस्ट सीरीज IAS प्रारंभिक परीक्षा के अनुरूप तैयार किए गए हैं। टेस्ट सीरीज में परम्परागत प्रश्न के साथ-साथ नवीन समसामयिकी को भी सम्यक स्थान दिया गया है। अभ्यर्थियों में उत्तर लेखन विकसित करने हेतु प्रत्येक प्रश्न का विश्लेषण सहित व्याख्यात्मक हल भी प्रदान किया गया है।
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क्रॉनिकल प्रकाशन सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक जाना हुआ नाम है। प्रत्येक वर्ष काफी प्रश्न इसकी पुस्तकों से पूंछे जाते हैं। ‘ऑल इंडिया आईएएस प्रीलिम्स टेस्ट सीरीज 2017’ इसी श्रेणी में एक अन्य पुस्तक हैं जो IAS परीक्षा 2017 को ध्यान में रखकर तैयार तैयार किया गया है। इस पुस्तक में NCERT आधारित, विषय विशेष और समसामयिकी आधारित टेस्ट पेपर रखा गया है और प्रत्येक टेस्ट सीरीज में 100 प्रश्न सम्मिलित किये गए है।
सामान्य अध्ययन पेपर-I के 9 टेस्ट और सीसेट पेपर-II के 5 टेस्ट भी सम्मिलित किये गए है। अभ्यर्थी में उत्तर लेखन विकसित करने हेतु प्रत्येक प्रश्न का विश्लेषण सहित व्याख्यात्मक हल भी प्रदान किया गया है।
कुछ प्रश्नों का प्रयास करने के लिए यहां क्लिक करेंक्रॉनिकल सिविल सर्विसेज करंट अफेयर मॉक टेस्ट सीरीज 2017
यह मॉक टेस्ट सीरीज IAS प्रीलिम्स 2017 के नवीनतम परीक्षा पैटर्न पर आधारित है और आईएस 2017 में प्रतिभाग करने वाले अभ्यर्थीयों के लिए विशेष उपयोगी है। इस ऑनलाइन मॉक टेस्ट सीरीज में आप अपने मोबाइल से भी प्रतिभाग कर सकते हैं और अपनी तैयारी की जांच कर सकते हैं।
सिविल सर्विसेज करंट अफेयर: मॉक टेस्ट सीरीज 2017 की शुरुवात क्रॉनिकल IAS के सहयोग से Online Tyari द्वारा आपको प्रदान किया जा रहा है।
कुछ प्रश्नों का प्रयास करने के लिए यहां क्लिक करेंआर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 ग़रीबी को कम करने के लिए विभिन्न सामाजिक कल्याण स्कीमों के प्रयास में यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) के सिद्धांत का समर्थन करता है। आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
विकास
- GDP में अगले सत्र के लिए 6.75 फ़ीसद से 7.5 फ़ीसद की बढंत बताई गई।
- वर्तमान सत्र 2016-17 के लिए बाज़ार मूल्य में समान दर 7.1 फ़ीसद है।
- सत्र 2016-17 के लिए संघीय आंकड़े कार्यालय के 7.1 फ़ीसद की वृद्धि का अनुमान नीचे की ओर संशोधित होने की संभावना है।
- सेवा क्षेत्र में सत्र 2016-17 के लिए 8.9 फ़ीसद से विकास करने की संभावना है।
- 2015-16 में औद्दोगिक विकास दर जो 7.4 फ़ीसद थी वो सत्र 2016-17 में 5.2 फ़ीसद पर मध्यस्थ होने की संभावना है।
- सत्र 2016-17 में कृषि क्षेत्र 4.1 फ़ीसद के बढ़त की संभावना है जो कि सत्र 2015-16 में 1.2 फ़ीसद था।
अब हम भारत की अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी के प्रभाव को समझेंगे।
नोटबंदी का प्रभाव
आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 ने नोटबंदी के प्रभाव की ओर 5 कोणों से देखा:
- कृषि बुवाई (रबी)
- उत्पादन और बिक्री की व्यापक गेज के रूप में अप्रत्क्ष कर राजस्व
- विवेकाधीन उपभोक्ता खर्च के एक उपाय के रूप में ऑटो बिक्री
- वास्तविक उधार विकास
- रियल एस्टेट के मूल्य
सरकार के अनुसार नोटबंदी का बुरा प्रभाव GDP के विकास में माध्यमिक रहेगी। जैसे ही नकदी की आपूर्ति फिर से पूरी होने पर सत्र 2017-18 के लिए अपेक्षित GDP विकास दर 6.75 से 7.5 फ़ीसद बताई गई है।
नोटबंदी के बाद नकदी का प्रवाह
आर्थिक सर्वेक्षण 2017 ने शीघ्र नकदी के प्रवाह की बात कही है, डिजिटाइज़ेशन के बढ़ते चलन, भूमि और रियल एस्टेट को GST बिल के अधीन लाने, कर और स्टैम्प ड्यूटी में कमी और लंबे समय के आर्थिक लाभ के लिए एक सुनियोजित कर प्रशासनिक व्यवस्था जैसे क्षेत्रों को मुख्य सुधार क्षेत्र बताया है।
यूनिवर्सल बेसिक इनकम
आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 ग़रीबी को कम करने के लिए विभिन्न सामाजिक कल्याण स्कीमों के प्रयास में यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) के सिद्धांत का समर्थन करता है। सर्वेक्षण से पता चलता है कि सफ़ल UBI के लिए दो आवश्यक शर्ते हैं: (क) कार्यकारिणी JAM व्यवस्था (जन-धन, आधार और मोबाइल) क्योंकि ये सुनिश्चित करते हैं कि नकदी सीधे लाभार्थी के खाते में जमा होती है और (ख) कार्यक्रम के लिए लागत साझाकरण पर केंद्र-राज्य वार्ता।
मौद्रिक नीति
2017-18 में कीमतों में तेज़ी से बढ़ोतरी मुद्रास्फ़ीति में वृद्धि कर सकता है। साथ ही नोटबंदी के कारण 2017-18 के लिए बाज़ार ब्याज दर में कमी देखी गई।
मंहगाई
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI), मुद्रास्फीति की नई श्रंखला जो अप्रैल-दिसंबर 2016 में 4.9 फीसद के औसत पर थी वो जुलाई के बाद से निम्न रुझान में देखी गई। वहीं दूसरी विशिष्ट बात ये रही कि, अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय तेल की कीमतों की वजह से अगस्त 2015 में (-) 5.1 फ़ीसद के मुकाबले अंत दिसंबर में 3.4 फ़ीसद की गिरावट देखी गई।
राजकोषीय घाटा
- अप्रत्यक्ष कर अप्रैल-नवंबर 2016 के दौरान 26.9 फ़ीसद से बढ़ा था।
- अप्रैल-नवंबर 2016 के दौरान राजस्व व्यय का मजबूत विकास मुख्य रूप से सातवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के कारण वेतन में 23.2 फ़ीसद की वृद्धि और पूंजी परिसंपत्तियों का निर्माण के लिए अनुदान में 39.5 फ़ीसद की वृद्धि के कारण हुआ।
अब हम भारतीय अर्थव्यवस्था में जनसांख्यिकी प्रवृत्तियों के साथ आगे बढ़ेंगे।
जनसांख्यिकीय प्रवृत्तियां
अरविंद सुब्रमण्यम ने यह बताया कि जनसांख्यिकीय लाभांश से विकास को बढ़ावा देने की संभावना अगले पांच सालों में सबसे बड़ी होगी क्योंकि भारत की आबादी तब कामकाजी उम्र की होगी। हालांकि, शीघ्रता का कोई कारण नहीं है क्योंकि भारत पूर्व एशियाई देशों के विकास में तेज गिरावट नहीं देख सकता क्योंकि इसके कामकाजी आयु का अनुपात दूसरे देशों की तुलना में धीरे-धीरे ज़्यादा घट जाएगा।
बैंकिंग
बैंकिंग, बैंकों में खराब ऋण का प्रभार लेने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की परिसंपत्ति पुनर्वास एजेंसी (PSARA) की स्थापना का सुझाव देती है। सरकार की मदद से PSARA खराब ऋण पर संतुलन और राजनीतिक मामलों से ऊपर उठ सकती है।
कर लगाना
व्यक्तिगत आयकर दरों और रीयल एस्टेट टिकट शुल्क में कटौती का सुझाव प्रस्तावित करती है। उच्च आय वाले सभी आयकरों को शामिल करके IT नेट धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है।
कॉरपोरेट कर को घटाने वाले टाइम-टेबल को बढ़ाया जा सकता है। कार्य स्वतंत्रता को कम करने और जवाबदेही में सुधार करने के लिए कर प्रशासन में सुधार किया जा सकता है। माल और सेवा कर (GST): GST से राजकोषीय लाभ को जानने में समय लगेगा।
महिला संबंधी नीतियां
स्वच्छता सुविधाओं में कमी की वजह से महिलाओं और लड़कियों पर “असंतुलित” बोझ को चिन्हित करते हुए, आर्थिक सर्वेक्षण ने कहा कि सुरक्षित और पर्याप्त स्वच्छता सुनिश्चित करना एक गंभीर नैतिक मुद्दा बनता जा रहा है।
जब ये सेवाएं अवरुद्ध कर दी जाती हैं, महिलाओं को असुरक्षा और पोषण संबंधी खतरों का सामना करना पड़ता है। इसी कारण, “स्वच्छ भारत के उद्देश्य – सुरक्षित और पर्याप्त स्वच्छता, पानी सुरक्षा और सफ़ाई, निजता का एक वृहद मूलभूत अधिकार का हिस्सा होने के नाते एक गंभीर नैतिक मुद्दा बन रहा है”, सर्वेक्षण में कहा गया।
IAS की तैयारी कर रहे हैं? यहां प्रस्तुत है हमारी अनुशंसित अध्ययन सामग्री
IAS परीक्षा की तैयारी के लिए हज़ारों की संख्या में पुस्तकें उपलब्ध हैं लेकिन उनमें से कई सटीक नहीं हैं और ऐसी प्रतियोगी परीक्षा को पास करने के लिए आवश्यक विषयवस्तु प्रदान नहीं कर पातीं। नीचे कुछ अनुशंसित पुस्तकें दी गईं हैं।
परीक्षा की तैयारी के लिए IAS अध्ययन सामग्री
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IAS की तैयारी के लिए उत्कृष्ट पुस्तकें
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